लद्दाख के प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) की गिरफ्तारी को लेकर अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सोनम की पत्नी गीतांजलि आंग्मो ने गुरुवार को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत बंदी प्रत्यक्षीकरण (हेबियस कॉर्पस) याचिका दायर की है। इसमें सोनम की तत्काल रिहाई की मांग की गई है।
पत्नी ने हिरासत को बताया अवैध
याचिका में कहा गया है कि सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। उन पर लगाए गए आरोप झूठे और राजनीतिक मंशा से प्रेरित हैं।
गीतांजलि ने दावा किया है कि प्रशासन ने अब तक हिरासत से जुड़े डिटेंशन ऑर्डर की प्रति तक उपलब्ध नहीं करवाई है। ऐसे में सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को पूरी तरह अवैध करार दिया गया है।
NSA के तहत हिरासत और जोधपुर ट्रांसफर
26 सितंबर को लद्दाख में राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष अधिकार देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया था।
इसके बाद उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल भेज दिया गया। प्रशासन का आरोप है कि सोनम पर विदेशों से फंड लेने, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से संपर्क रखने और विदेशी शक्तियों के लिए काम करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
आंदोलन और हिंसा का पृष्ठभूमि
सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) लंबे समय से लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन का चेहरा बने हुए हैं।

छठी अनुसूची में शामिल होने से लद्दाख को स्थानीय संसाधनों पर अधिक अधिकार, सांस्कृतिक संरक्षण और स्वायत्त परिषद जैसी संवैधानिक गारंटी मिलती है।
शांतिपूर्ण धरना और भूख हड़ताल से शुरू हुआ आंदोलन हाल ही में उग्र हो गया था, जिसके दौरान पुलिस गोलीकांड में 4 लोगों की मौत हुई।
पत्नी का आरोप ‘सुनियोजित अभियान’
गीतांजलि आंग्मो का कहना है कि उनके पति और उनकी संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लद्दाख (HIAL) के खिलाफ सरकार और प्रशासन की ओर से एक सुनियोजित अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) का पाकिस्तान दौरा केवल एक पर्यावरण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए था। जिन पाकिस्तानी एजेंटों का नाम जोड़ा जा रहा है, उनसे उनका कोई संबंध नहीं है। यह सब केवल लद्दाख की जनता की आवाज और छठी अनुसूची की मांग को कमजोर करने की कोशिश है।”
सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई संभव
अभी दशहरा की छुट्टियों के चलते अदालत बंद है, इसलिए माना जा रहा है कि 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के दोबारा खुलने पर इस मामले की तत्काल सुनवाई हो सकती है। जिसके बाद सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) की गिरफ्तारी पर बड़ा फैसला आ सकता है।
कौन हैं सोनम वांगचुक?
सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) एक जाने-माने शिक्षा सुधारक, पर्यावरणविद और नवप्रवर्तक हैं। उन्हें वर्ष 2018 में रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
सोनम वांगचुक लद्दाख में शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास से जुड़े कई अभियानों के लिए वैश्विक स्तर पर पहचाने जाते हैं।
अब पूरा देश और खासकर लद्दाख की जनता की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, जिससे तय होगा कि सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) की गिरफ्तारी बरकरार रहेगी या उन्हें जल्द रिहाई मिलेगी।
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