मोगा की बेटी बनी Lady Sidhu Moosewala: 19 साल की परम का संघर्ष और स्टार बनने का सफर

Lady Sidhu Moosewala Param Success Story

Paramjit Kaur Lady Sidhu Moosewala: कभी मोगा की गलियों में गुनगुनाने वाली और दाना मंडी में रियाज करने वाली एक साधारण परिवार की लड़की ने आज पूरे सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। महज 19 साल की उम्र में परमजीत कौर, जिन्हें लोग अब प्यार से परम कहते हैं, को उनके फैंस “लेडी सिद्धू मूसेवाला (Lady Sidhu Moosewala)” बुलाने लगे हैं। वजह है उनका दमदार रैप और देसी अंदाज, जिसने रातों-रात उन्हें स्टार बना दिया।

उनका नया गीत “दैट गर्ल” हर जगह बज रहा है। गाने की लाइन बच्चों से लेकर युवाओं तक की जुबान पर चढ़ चुकी है। मोगा के छोटे से गांव दुनेके से शुरू हुआ यह सफर अब इंटरनेट की दुनिया में लाखों दिलों को छू रहा है।

दो कमरों का घर और बड़े सपने

परम का जन्म और बचपन बेहद साधारण परिस्थितियों में बीता। पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और मां घरों में काम करके परिवार चलाती हैं। पूरे परिवार के पास सिर्फ दो कमरों का छोटा-सा मकान है। इसी घर में पल-बढ़ीं परम ने गरीबी को बहुत करीब से देखा।

लेकिन इन मुश्किल हालातों ने ही उनमें बड़े सपने देखने का हौंसला पैदा किया। वह कहती हैं कि मेरी मां ने बहुत मेहनत की है, पिता ने भी मजदूरी कर हमें पाला। अब मेरी ख्वाहिश है कि उन्हें एक अच्छा घर और आरामदायक जिंदगी दूं।

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10वीं क्लास से शुरू हुआ संगीत का सफर

परम का म्यूजिक के प्रति झुकाव 10वीं क्लास में हुआ। गांव की एक महिला ने बताया कि परम के मामा जागरणों में गाया करते थे। वहीं से उन्हें गाने की प्रेरणा मिली। वह अक्सर मोहल्ले की गलियों में चलते हुए गुनगुनाती नजर आतीं।

Lady Sidhu Moosewala Param Success Story
Lady Sidhu Moosewala Param Success Story (Photo:paramsworld)

धीरे-धीरे यह शौक जुनून में बदल गया। 10वीं के बाद जब परम कॉलेज पहुंचीं तो उन्होंने पढ़ाई में म्यूजिक सब्जेक्ट चुना और बाकायदा संगीत सीखना शुरू किया। फिलहाल वह बीएम कॉलेज, मोगा से ग्रेजुएशन कर रही हैं।

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दोस्तों संग बना ग्रुप, फेसबुक पेज से शुरुआत

कॉलेज में परम को ऐसे साथी मिले, जिनकी रुचि भी हिप-हॉप और रैप में थी। सबने मिलकर एक ग्रुप बनाया और फेसबुक पर अपना पेज शुरू किया। यहां परम के गाने अपलोड होने लगे।

उनकी आवाज भले ही ट्रेनिंग से निखरी, लेकिन उनकी नेचुरल रैपिंग स्टाइल ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा। जिसके कारण उनके फैंस “लेडी सिद्धू मूसेवाला (Lady Sidhu Moosewala)” बुलाने लगे। धीरे-धीरे इस पेज पर परम के गानों की लोकप्रियता बढ़ने लगी।

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ब्रिटिश म्यूजिक प्रोड्यूसर की नजर

परम की किस्मत का तारा उस दिन चमका जब ब्रिटेन के जाने-माने म्यूजिक प्रोड्यूसर मनी संधू की नजर फेसबुक पर उनके गाने पर पड़ी। संधू उनकी आवाज और देसी रैपिंग स्टाइल से इतने प्रभावित हुए कि वे सीधे भारत पहुंचे और परम से मुलाकात की।

उन्होंने “दैट गर्ल” गीत को ओपन लोकेशन पर शूट करने का प्लान बनाया। यह शूट मोहाली की गलियों और ओपन स्पेस में किया गया, ताकि इसमें नेचुरल साउंड और रियल एनर्जी आ सके।

संधू बताते हैं कि हमें भी उम्मीद नहीं थी कि यह गाना इतना बड़ा हिट हो जाएगा। इसकी सच्चाई और परम की नेचुरल आवाज ने ही इसे खास बना दिया। उनके फैंस उन्हें “लेडी सिद्धू मूसेवाला (Lady Sidhu Moosewala)” बुलाने लगे।

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गली से सोशल मीडिया तक “दैट गर्ल” का धमाल

गीत रिलीज होते ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर लाखों लोगों ने इसे शेयर किया। बच्चे-बच्चे ने परम के स्टाइल की नकल करना शुरू कर दिया।

भास्कर टीम जब उनके गांव दुनेके पहुंची, तो हर गली-मोहल्ले में बच्चे “नीं मैं अड्डी नां पताशे जावां भोरदी” गुनगुनाते नजर आए। यहां तक कि घर-घर में टीवी पर यही गाना बज रहा था। बच्चों ने रैप स्टाइल में हाथ हिलाकर परम की परफॉर्मेंस कॉपी की।

क्लासमेट साब ने लिखा गाना

परम के इस हिट गीत को उनके क्लासमेट साब (असल नाम जशनप्रीत) ने लिखा। साब कहते हैं कि स्कूल टाइम में परम उतनी अच्छी सिंगर नहीं थीं, लेकिन म्यूजिक की पढ़ाई और लगातार रियाज ने उनकी आवाज को निखारा है।

साब और परम अकसर मोगा की दाना मंडी में बैठकर दोस्तों के साथ गाने की प्रैक्टिस करते। मंडी की खुली और शांत जगह उनकी रचनात्मकता का अड्डा थी। रिकॉर्डिंग के बाद गानों को साब अपने इंस्टाग्राम पेज मालवा हुड पर अपलोड कर देते थे। उनके रैप के कारण लोग उन्हें “लेडी सिद्धू मूसेवाला (Lady Sidhu Moosewala)” कहने लग गए।

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गली गर्ल बनी पहचान

ओपन शूट और लोकल टच के कारण परम को लोग “गली गर्ल” कहने लगे। गली बॉय फिल्म की तर्ज पर बनी उनकी इस पहचान ने युवाओं को खूब आकर्षित किया।

लोग कहते हैं कि परम की खासियत उनकी सादगी और स्टाइल है। वह स्टेज पर भी उतनी ही देसी और असली लगती हैं, जितनी घर की गली में गाते समय।

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परम का संघर्ष से सपनों तक का सफर

परम का संघर्ष सिर्फ आर्थिक ही नहीं, सामाजिक भी रहा है। अक्सर लड़कियों को गली-मोहल्लों में गाने-रैप करने पर आलोचना का सामना करना पड़ता है। लेकिन परम ने कभी हार नहीं मानी।

उनके पड़ोसियों का कहना है कि हम गर्व महसूस करते हैं कि हमारी गली की बेटी आज पूरे पंजाब में छा गई है। परम ने दिखा दिया कि हिम्मत और मेहनत से कोई भी ऊंचाइयां छू सकता है।

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मां-बाप को बेहतर जिंदगी देना सपना

परम का कहना है कि उनका सबसे बड़ा सपना है अपने माता-पिता के लिए अच्छा घर बनाना और उन्हें आराम की जिंदगी देना। वह कहती हैं कि मां ने बहुत घरों में काम किया, पिता ने कस्सी चला-चला कर थक गए। अब मेरी जिम्मेदारी है कि उन्हें सुकून दूं।

“लेडी सिद्धू मूसेवाला (Lady Sidhu Moosewala)” चाहती हैं कि आने वाले समय में पंजाबी रैप को नई पहचान दिलाएं और इंटरनेशनल लेवल तक ले जाएं।