Nupur Bora Arrest News: असम में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की जीरो टॉलरेंस नीति ने एक और बड़ा धमाका किया है। 2019 बैच की असम सिविल सर्विस (ACS) अधिकारी नूपुर बोरा को विशेष निगरानी सेल ने गिरफ्तार किया है। उन पर अवैध भूमि हस्तांतरण और आय से कई गुना अधिक संपत्ति जमा करने के गंभीर आरोप हैं।
गुवाहाटी और बरपेटा में छापेमारी के दौरान 92 लाख रुपये नकद, 2 करोड़ रुपये के सोने-चांदी के गहने, हीरे-मोती और कीमती वस्तुएं जब्त की गईं। यह मामला असम के संवेदनशील डेमोग्राफिक मुद्दे से जुड़ा है क्योंकि हिंदू भूमि मालिकों की जमीनें फर्जी दस्तावेजों से ट्रांसफर की गईं। यह घोटाला न केवल भ्रष्टाचार, बल्कि असम की सामाजिक संरचना पर सवाल उठाता है।
गुवाहाटी और बरपेटा में सनसनीखेज बरामदगी
15 सितंबर 2025 को मुख्यमंत्री की विशेष निगरानी सेल ने गुवाहाटी के गोटानगर में नूपुर बोरा के दो अपार्टमेंट्स पर छापेमारी की। इस दौरान 92 लाख रुपये नकद बरामद हुए, जो थैलियों और अलमारियों में छिपाए गए थे। इसके अलावा 2 करोड़ रुपये मूल्य के सोने-चांदी के गहने, हीरे-मोतियों से जड़े आभूषण और अन्य कीमती सामान जब्त किए गए।
बरपेटा में उनके किराए के मकान से 10 लाख रुपये अतिरिक्त कैश और संदिग्ध दस्तावेज मिले। छापेमारी चार स्थानों पर हुई, जिसमें नूपुर के सहयोगी लाट मंडल सूरजित डेका का बरपेटा स्थित घर भी शामिल था। गोलाघाट और बरपेटा में उनके बैंक लॉकरों की जांच से और संपत्ति बरामद होने की संभावना है।
विजिलेंस सेल के एसपी रॉजी कालिता ने कहा कि यह हमारा 25वां बड़ा केस है। जांच अभी और गहराई तक जाएगी। यह कार्रवाई असम में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्ती को दर्शाती है।
Who is Nupur Bora: कौन है असम अधिकारी नूपुर बोरा
Who is Nupur Bora: 36 वर्षीय नूपुर बोरा, (जन्म: 31 मार्च 1989, गोलाघाट), 2019 बैच की ACS अधिकारी हैं। 6 साल की छोटी सी सेवा में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पद संभाले। मार्च 2019 से जून 2023 तक करबी आंगलॉन्ग जिले में असिस्टेंट कमिश्नर रहीं। इसके बाद जून 2023 में बरपेटा जिले में सर्कल ऑफिसर के रूप में नियुक्त हुईं, जहां से उनके खिलाफ भूमि घोटाले के आरोप शुरू हुए।

वर्तमान में वे कामरूप जिले के गोराइमारी रेवेन्यू सर्कल में सर्कल ऑफिसर हैं। उनकी इंस्टाग्राम प्रोफाइल उनकी लग्जरी लाइफस्टाइल को दर्शाती है, जिसमें फैशन, डेकोर और विदेशी यात्राएं शामिल हैं। इतनी कम उम्र और सैलरी में करोड़ों की संपत्ति जमा करना जांच का मुख्य बिंदु है। नूपुर की गिरफ्तारी ने न केवल प्रशासनिक हलकों में, बल्कि आम जनता में भी सनसनी फैला दी है।
हिंदू भूमि ट्रांसफर और भ्रष्टाचार का जाल
नूपुर बोरा पर बरपेटा में सर्कल ऑफिसर रहते हुए हिंदू भूमि मालिकों की जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध रूप से ट्रांसफर करने का गंभीर आरोप है। CM हिमंता बिस्वा सरमा ने इसे असम के डेमोग्राफिक संतुलन के लिए खतरा बताया क्योंकि जमीनें संदिग्ध व्यक्तियों, खासकर अवैध घुसपैठियों को ट्रांसफर की गईं।
स्थानीय संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) की शिकायत में रेट कार्ड का खुलासा हुआ, जिसमें जमीन के नक्शे के लिए 1,500 रुपये से लेकर नाम बदलने के लिए 2 लाख रुपये तक रिश्वत की बात सामने आई। नूपुर की आय और उनकी संपत्ति में भारी अंतर पाया गया, जिसमें गुवाहाटी में अपार्टमेंट्स और बैंक लॉकर शामिल हैं।
उनके सहयोगी सूरजित डेका के साथ साठगांठ भी जांच के दायरे में है। यह घोटाला असम के रेवेन्यू सिस्टम में गहरे भ्रष्टाचार को उजागर करता है और स्थानीय जनता की जमीनों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है।
6 महीने की निगरानी से गिरफ्तारी तक
नूपुर बोरा पर पिछले 6 महीनों से निगरानी रखी जा रही थी। स्थानीय संगठन KMSS की शिकायतों और संदिग्ध भूमि ट्रांसफर केसों के आधार पर विशेष निगरानी सेल ने सबूत जुटाए। 15 सितंबर 2025 को गुवाहाटी और बरपेटा में चार स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई। FIR में भ्रष्टाचार, अवैध संपत्ति अर्जन और सबूत छिपाने की धाराएं जोड़ी गईं। जांच में सहयोगी सूरजित डेका की भूमिका भी सामने आई, जिनके घर से संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए।

गोलाघाट और बरपेटा में नूपुर के बैंक लॉकरों की स्कैनिंग जारी है, जहां से और संपत्ति मिलने की संभावना है। पुलिस का कहना है कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, और अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है। यह कार्रवाई असम में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्ती को दर्शाती है और प्रशासनिक तंत्र में सुधार की उम्मीद जगाती है।











