पंजाब डेस्क: हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट (Kangana Ranaut) को पंजाब के बठिंडा कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। किसान आंदोलन के दौरान की गई उनकी कथित टिप्पणियों से जुड़े मानहानि केस में कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की उनकी अर्जी खारिज कर दी है।
अब कंगना (Kangana Ranaut) को 27 अक्टूबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से बठिंडा की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास की अदालत में हाजिर होना होगा। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के हालिया रुख के बाद आया है, जहां कंगना की याचिका को स्पाइस ऐडेड बताते हुए खारिज कर दिया गया था।
किसान आंदोलन पर ट्वीट जो बना मानहानि का आधार
यह केस 2020-21 के किसान आंदोलन से जुड़ा है, जब केंद्र की तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का ऐतिहासिक प्रदर्शन चल रहा था। दिसंबर 2020 में शाहीन बाग आंदोलन की प्रमुख प्रदर्शनकारी “बिलकिस दादी” ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था।

इस दौरान कंगना रनोट (Kangana Ranaut) ने एक रिट्वीट शेयर किया, जिसमें उन्होंने एक 73 वर्षीय पंजाबी महिला महिंदर कौर की फोटो को गलत तरीके से बिलकिस दादी के रूप में पहचाना। ट्वीट में कंगना ने लिखा था कि यह “शाहीन बाग दादी” अब किसान आंदोलन में शामिल हो गई है और “100 रुपये में उपलब्ध” है। यह टिप्पणी महिंदर कौर, जो बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जंडियान गांव की रहने वाली हैं, के लिए अपमानजनक साबित हुई।
महिंदर कौर ने जनवरी 2021 में बठिंडा कोर्ट में कंगना के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत शिकायत दर्ज की। उन्होंने आरोप लगाया कि कंगना की इस टिप्पणी से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची और उन्हें सामाजिक अपमान सहना पड़ा। कोर्ट ने प्रारंभिक जांच के बाद फरवरी 2022 में कंगना को समन जारी किया। कंगना ने दावा किया कि यह रिट्वीट “गुड फेथ” में किया गया था और इसमें कोई इरादतन अपमान नहीं था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
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हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक की असफल कोशिशें
कंगना रनोट (Kangana Ranaut) ने समन के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन 1 अगस्त 2025 को हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। जस्टिस त्रिभुवन सिंह ढिल्लों की बेंच ने फैसले में कहा कि समन ऑर्डर अच्छी तरह से तर्कसंगत है और प्राइमा फेसी साक्ष्य मौजूद हैं। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि कंगना ने सच्चाई जानने के बाद भी शिकायतकर्ता से माफी नहीं मांगी, जो केस को मजबूत बनाता है।
इसके बाद कंगना रनोट (Kangana Ranaut) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां 12 सितंबर 2025 को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कंगना के वकील को फटकार लगाई और कहा कि यह साधारण रिट्वीट नहीं था, आपने इसमें ‘स्पाइस ऐडेड’ किया। बेंच ने याचिका को खारिज करने से इनकार करते हुए कहा कि यह ट्रायल कोर्ट के फैसले को प्रभावित कर सकता है। कंगना के वकील ने याचिका वापस ले ली, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वे ट्रायल कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कंगना रनोट (Kangana Ranaut) को 15 सितंबर 2025 को बठिंडा कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वे हाजिर नहीं हुईं। कोर्ट ने फ्रेश समन जारी किया, जिसे बठिंडा SSP के जरिए भेजा गया। 16 सितंबर को सुनवाई में कंगना की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मांग की गई, लेकिन ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने इसे खारिज कर दिया। अब 27 अक्टूबर को व्यक्तिगत पेशी का आदेश है। शिकायतकर्ता के वकील ने पासपोर्ट जब्त करने की भी मांग की है, ताकि कंगना विदेश यात्रा न कर सकें।










