Jaswant Singh Khalra Day: कनाडा ने सिख मानवाधिकार नायक को दिया सम्मान

Jaswant Singh Khalra Day Canada 2025 Sikh Human Rights Activist

Jaswant Singh Khalra Day: कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत ने 6 सितंबर को जसवंत सिंह खालड़ा डे घोषित कर सिख मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालड़ा की शहादत को ऐतिहासिक सम्मान दिया है। यह घोषणा उनकी गुमशुदगी और हत्या की 30वीं बरसी पर की गई।

ब्रिटिश कोलंबिया की लेफ्टिनेंट गवर्नर वेंडी कोकिया ने आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर इस दिन को खालड़ा की स्मृति को समर्पित किया। प्रांत सरकार ने बयान में कहा, “जसवंत सिंह खालड़ा न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की लड़ाई के प्रतीक थे। उनकी स्मृति को जीवित रखना गर्व की बात है।”

Who Is Jaswant Singh Khalra | जसवंत सिंह खालड़ा कौन थे?

जसवंत सिंह खालड़ा का जन्म 1952 में पंजाब के अमृतसर जिले के खालड़ा गांव में हुआ था। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले खालड़ा ने खालसा कॉलेज, अमृतसर से शिक्षा प्राप्त की और बाद में पंजाब नेशनल बैंक में नौकरी की। उनके दादा हरनाम सिंह गदर आंदोलन के कार्यकर्ता थे और 1914 में कोमागाटा मारू जहाज के 376 यात्रियों में शामिल थे, जिन्हें कनाडा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था।

Jaswant Singh Khalra Day Canada 2025 Sikh Human Rights Activist
Jaswant Singh Khalra Day Canada 2025 Sikh Human Rights Activist

1980 और 1990 के दशक में पंजाब आतंकवाद और पुलिस दमन के दौर से गुजर रहा था। इस दौरान जसवंत सिंह खालड़ा ने फर्जी एनकाउंटर और गुप्त दाह संस्कार का खुलासा किया। खालड़ा ने पंजाब पुलिस द्वारा हजारों सिख युवकों को बिना कानूनी प्रक्रिया के मारने और उनकी लाशों को “लावारिस” बताकर श्मशानों में जलाने का खुलासा किया।

अमृतसर के श्मशान घाटों के रिकॉर्ड्स की जांच कर उन्होंने 6,017 से अधिक सिखों की अवैध हत्याओं और गुप्त दाह संस्कारों का दस्तावेजीकरण किया। 1995 में कनाडा यात्रा के दौरान उन्होंने पंजाब में मानवाधिकार उल्लंघन की सच्चाई को विश्व के सामने रखा, जिससे वैश्विक ध्यान आकर्षित हुआ।

उनके इन प्रयासों ने पंजाब पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और मानवाधिकारों के लिए उनकी लड़ाई को वैश्विक पहचान मिली।

6 सितंबर 1995 को जसवंत सिंह खालड़ा का दिनदहाड़े उनके अमृतसर स्थित घर के सामने से अपहरण कर लिया गया। उन्हें झबाल पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उनकी हत्या कर दी गई। गवाह कुलदीप सिंह के बयान के अनुसार, खालड़ा को यातनाएं दी गईं और 27 अक्टूबर 1995 को उनकी हत्या कर उनका शव हरिके नहर में फेंक दिया गया।

2005 में, 6 पंजाब पुलिस अधिकारियों को उनके अपहरण और हत्या के लिए दोषी ठहराया गया। दो को उम्रकैद और बाकियों को सात साल की सजा मिली। 2007 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चार अन्य दोषियों की सजा को भी उम्रकैद में बदल दिया। 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने इन सजाओं को बरकरार रखते हुए पंजाब पुलिस की क्रूरता की कड़ी आलोचना की।

Jaswant Singh Khalra पर बनी पंजाब-95 फिल्म और सेंसरशिप विवाद

जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर आधारित फिल्म पंजाब-95, जिसमें दिलजीत दोसांझ ने खालड़ा की भूमिका निभाई है, हनी त्रेहान द्वारा निर्देशित और रोनी स्क्रूवाला द्वारा निर्मित है। यह फिल्म मूल रूप से घल्लूघारा नाम से बनाई गई थी, लेकिन CBFC ने 127 कट्स और नाम बदलने की शर्त रखी, जिसके कारण यह भारत में रिलीज के लिए अटकी हुई है। खालड़ा की पत्नी परमजीत कौर खालड़ा ने कहा कि “फिल्म में सच्चाई दिखाई गई है, जो कोर्ट रिकॉर्ड्स और दस्तावेजों पर आधारित है। इसे बिना कट्स रिलीज होना चाहिए।”

Jaswant Singh Khalra के सम्मान में कनाडा में ऐतिहासिक सम्मान

कनाडा में जसवंत सिंह खालड़ा को कई बार सम्मानित किया गया है। ब्रिटिश कोलंबिया के बर्नाबी, न्यू वेस्टमिंस्टर और ब्रैम्पटन शहरों ने 2020 में 6 सितंबर को जसवंत सिंह खालड़ा डे घोषित किया था। 2025 में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत ने इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता दी।

Jaswant Singh Khalra Day Canada 2025 Sikh Human Rights Activist
Jaswant Singh Khalra Day Canada 2025 Sikh Human Rights Activist

कैलिफोर्निया के फ्रेस्नो में एक पब्लिक स्कूल और विक्टोरिया पार्क का नाम खालड़ा के नाम पर रखा गया है। खालड़ा के बेटे जनमीत सिंह ने 2025 में सरे सिटी काउंसिल द्वारा गुरु नानक जहाज रिमेंबरेंस डे (कोमागाटा मारू की स्मृति में) की घोषणा में हिस्सा लिया।

यह सम्मान सिख समुदाय और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए गर्व का क्षण है, जो खालड़ा की विरासत को जीवित रखने का संदेश देता है।

जसवंत सिंह खालड़ा की विरासत

जसवंत सिंह खालड़ा की पत्नी परमजीत कौर खालड़ा और बेटी नवकीरन कौर खालड़ा उनकी लड़ाई को खालड़ा मिशन ऑर्गनाइजेशन के जरिए आगे बढ़ा रही हैं। उनकी बेटी ने फ्रेस्नो की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की और अब अमेरिका में कार्यरत हैं।

कनाडा में सिख कोएलिशन और वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन जैसी संस्थाएं खालड़ा के कार्यों को बढ़ावा दे रही हैं। सिख कोएलिशन ने 2025 में उनकी 30वीं बरसी पर “चैलेंजिंग द डार्कनेस” नामक एक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें उनकी विरासत पर चर्चा हुई।