बारिश का कहर: दिल्ली-NCR में यमुना उफान पर, कश्मीर का संपर्क कटा, गुजरात में नर्मदा डैम के 23 गेट खुले

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बारिश का कहर: मॉनसून की भारी बारिश ने भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में व्यापक तबाही मचाई है। दिल्ली-NCR में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, वहीं कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे सहित सभी सड़कें टूटने से घाटी का संपर्क देश से कट गया है।

पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और गुजरात में भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। गुजरात में नर्मदा डैम के 23 गेट खोलने पड़े, जबकि पंजाब में बाढ़ से 43 लोगों की मौत हो चुकी है। आइए, इस प्राकृतिक आपदा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से नजर डालते हैं।

दिल्ली-NCR में बाढ़ का प्रकोप: यमुना उफान पर

दिल्ली-NCR में लगातार बारिश ने यमुना नदी को उफान पर ला दिया है, जिसके जलस्तर ने खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 207.40 मीटर तक पहुंच गया है। नोएडा के सेक्टर-135 और सेक्टर-151 जैसे निचले इलाकों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

सड़कों पर जलजमाव और ट्रैफिक जाम ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। दिल्ली के आईटीओ, कश्मीरी गेट, राजघाट और यमुना बैंक जैसे क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) का हेडक्वार्टर भी जलमग्न हो गया है, और प्रशासन ने सभी 13 रेगुलेटर नालों को बंद कर दिया है।

बारिश का कहर

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में है और बाढ़ प्रबंधन के लिए सभी एजेंसियां अलर्ट पर हैं। यमुना के किनारे बसे निचले इलाकों में बालू के बोरों से नालों को बंद किया गया है ताकि पानी का प्रवाह रोका जा सके। गाजियाबाद के बदरपुर गांव से 55 परिवारों को NDRF की मदद से सुरक्षित निकाला गया है।

पंजाब में बाढ़ से हाहाकार: 43 मौतें, 1,655 गांव प्रभावित

पंजाब में बाढ़: मॉनसून की भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सतलुज, रावी और ब्यास नदियों के उफान ने 23 जिलों के 1,655 गांवों को प्रभावित किया है और 3.55 लाख लोग इस आपदा की चपेट में हैं। गुरुवार तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 43 हो गई है, जबकि 1.71 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। गुरदासपुर, फिरोजपुर, अमृतसर और होशियारपुर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

फिरोजपुर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर कई किलोमीटर लंबी बाड़ पानी में डूब गई है। पाकिस्तान से आने वाले बाढ़ के पानी ने भारतीय सीमा में बांधों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। बीएसएफ ने ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के जरिए स्थिति पर नजर रखी है, और मरम्मत कार्य जल्द शुरू करने की योजना है।

पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों में गुरुद्वारे लोगों के लिए संकटमोचक बने हैं। अमृतसर, गुरदासपुर और फिरोजपुर में गुरुद्वारा साहिब हजारों लोगों के लिए भोजन और आश्रय प्रदान कर रहे हैं।

कश्मीर में संपर्क कटा: जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन ने जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे सहित सभी प्रमुख सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे कश्मीर घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है। झेलम नदी का जलस्तर अब खतरे के निशान से नीचे आ गया है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी स्कूल और कॉलेज 6 सितंबर 2025 तक बंद रखे गए हैं।

बारिश का कहर

रामबन जिले के द्रुबला गांव में 29 अगस्त को बादल फटने से अचानक बाढ़ और भूस्खलन हुआ, जिससे 283 घर क्षतिग्रस्त हो गए। 950 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। श्रीनगर में 200 परिवारों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है और SDRF** और नदी पुलिस के साथ राहत कार्य जारी हैं।

गुजरात में नर्मदा डैम के 23 गेट खुले

गुजरात में नर्मदा नदी का जलस्तर 135.94 मीटर तक पहुंच गया है, जो बांध के ओवरफ्लो स्तर से मात्र 2.74 मीटर नीचे है। इस सीजन में पहली बार नर्मदा डैम के 23 गेट 2.50 मीटर तक खोले गए हैं और पिछले 24 घंटों में जलस्तर 40 सेंटीमीटर बढ़ा है। साबरकांठा, हिम्मतनगर और अन्य निचले इलाकों में जलजमाव ने जनजीवन को प्रभावित किया है। 27 गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।

साबरकांठा के पुष्पकुंज सोसाइटी में भारी बारिश के कारण डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की गाड़ियां पानी में डूब गईं। हिम्मतनगर में एक महिला की मौत की खबर भी सामने आई है।

हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन और बाढ़

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मणिमहेश यात्रा के दौरान 11 दिनों से फंसे 50 श्रद्धालुओं को वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से शुक्रवार सुबह रेस्क्यू किया गया। हालांकि, 400 से ज्यादा श्रद्धालु अभी भी भरमौर में फंसे हैं। 24 से 27 अगस्त के बीच भारी बारिश और भूस्खलन ने 11 लोगों की जान ले ली। कुल्लू और मनाली में भूस्खलन से सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए हैं।

बारिश का कहर

उत्तराखंड में भी हर्षिल में तेलगाड नदी उफान पर है, जिसके चलते बाजार और गांव खाली कराए गए हैं। ऊधम सिंह नगर में नानकमत्ता और गूलर भोज डैम से पानी छोड़ा गया है, जिससे जलजमाव बढ़ गया है।

राजस्थान में बोराज तालाब की दीवार ढही

राजस्थान के अजमेर में गुरुवार रात भारी बारिश के बाद बोराज तालाब की दीवार ढह गई, जिससे 1,000 से ज्यादा घरों में पानी घुस गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि कई गाड़ियां बह गईं और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को छतों से सुरक्षित निकाला गया। सवाई माधोपुर और भरतपुर में भी बांधों के ओवरफ्लो होने से गांवों का संपर्क कट गया है।

हरियाणा में स्कूल बंद, गुरुग्राम में जलजमाव

हरियाणा के पंचकूला, हिसार, रोहतक और झज्जर में भारी बारिश के कारण सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और फरीदाबाद में भी कई स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है। गुरुग्राम की सिग्नेचर ग्लोबल सलोरा सोसाइटी में जलभराव ने महिलाओं और बच्चों को घरों में कैद कर दिया है। हथनीकुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर बढ़ गया है।

मौसम विभाग की चेतावनी और राहत कार्य

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सितंबर 2025 में सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है, जो लंबी अवधि के औसत (LPA) का 109% से अधिक हो सकती है। दिल्ली-NCR, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और गुजरात में अगले कुछ दिनों तक बारिश का अलर्ट है। NDRF, SDRF, सेना और पुलिस युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।

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मॉनसून की इस बारिश ने पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी इलाकों तक भारी तबाही मचाई है। दिल्ली-NCR, पंजाब, कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान और गुजरात में बाढ़ और भूस्खलन ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। प्रशासन और राहत एजेंसियां स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हैं, लेकिन लोगों को सतर्क और सुरक्षित रहने की जरूरत है। मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और अपने आसपास के हालात पर नजर रखें।